कर्जे जो उठाये हमने बाज़ार से
हमारी जान की दुआ करने वाले बढ़ गए....
बेहिसाबो मे रहना सीखते गए यूँ ही
गिने गिनाये जीने मे क्या ख़ाक मजा था
Friday, November 07, 2008
nothing personal about loans... :)
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कर्जे जो उठाये हमने बाज़ार से
हमारी जान की दुआ करने वाले बढ़ गए....
बेहिसाबो मे रहना सीखते गए यूँ ही
गिने गिनाये जीने मे क्या ख़ाक मजा था
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