कितने दफे दिल ने कहा दिल की सुनी कितने दफे
वैसे तो तेरी ना भी मैंने ढूँढली अपनी खुशी
तू जो गर हां कहे तो बात होगी और ही
दिल ही रखने को कभी, ऊपर पर से सही
कह देना हां... कह देना ... हां ...यूँ ही
कितने दफे दिल ने कहा दिल की सुनी कितने दफे
कितने दफे हैरान हुआ मैं ये सोच के
उठती हैं इबादत की खुशबुएँ क्यों मेरे इश्क से
जैसे ही मेरे ओठ ये छु लेते हैं तेरे नाम को
लगे के सजदा किया कहे के तुझे शबद के बोल दू
के खुदाई छोड़ के फिर आजा तू जमी पे
और जा ना कही तू साथ रह जा मेरे
कितने दफे दिल ने कहा दिल की सुनी कितने दफे
कितने दफे मुझको लगा तेरे साथ उडते हुए
आसमानी दुकानों से ढूंढ के पिघलादु मैं चाँद ये
तुम्हारे इन कानो में पह्ना भी दू बूंदे बना
फिर ये मैं सोच लू समझेगी तू जो मैं न कह सका
पर डरता हू अभी ना ये तू पूछे कही
क्यों लाये हो ये ..क्यों लाये हो ...ये ...यु ही
Extermely melodious song from "Tanu weds Manu"... Mohit sung his heart out...composed by new talent Krsna and sublime lyrics by Rajshekhar. Could not resist sharing this beautifully writen song.
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